भोपाल। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में भी सरकार शहरों, गांवों और इलाकों के इस्लामिक नाम बदलने की रणनीति पर तेजी से जुट गई है. इसकी शुरुआत सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की. लेकिन अब वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव उनसे आगे निकलते दिख रहे हैं. कुछ दिन पहले ही सीएम ने अपने गृह नगर उज्जैन में तीन गांवों के नाम बदले, तो वहीं बीते रविवार को एक साथ 11 इस्लामिक नाम वाले गांवों के नाम बदल डाले. अब हिंदूवादी संगठनों ने नाम बदलने के लिए मुख्यमंत्री को 55 अन्य जगहों की सूची थमा दी। वहीं, विपक्ष अब पूछ रहा कि जनाब नाम तो बदल दोगे, पर हालात कब बदलोगे? दरअसल, विलियम शेक्सपियर ने कहा था ‘नाम में क्या रखा है’ लेकिन इसके उलट मध्यप्रदेश की पूरी राजनीति तो नामों के इर्द-गिर्द ही घूम रही है. शहरों और गांवों के नाम बदलने से लेकर ‘कुलपति’ तक का नाम बदलकर यहां ‘कुलगुरु’ कर दिया गया है. हालांकि, मध्य प्रदेश में शहरों और यहां तक कि रेलवे स्टेशनों के नाम पहले भी बदले गए हैं, लेकिन यह पहली बार है जब आधिकारिक तौर पर नाम बदलने की बयार पंचायत स्तर तक पहुंच गई है। उज्जैन के बाद रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शाजापुर के 11 उर्दू नाम वाले गांव के नाम एक साथ बदलकर एक नया रिकॉर्ड ही बना डाला।
— मोहम्मदपुर मछनाई- मोहनपुर
— ढाबला हुसैनपुर– ढाबला राम
— मोहम्मदपुर पवाड़िया– रामपुर पवाड़िया
— खजूरी अलाहदाद– खजूरी राम
— हाजीपुर– हीरापुर गांव
— निपानिया हिसामुद्दीन– निपानिया देव
— रीछड़ी मुरादाबाद– रिछड़ी
— खलीलपुर- रामपुर
— घट्टी मुख्तयारपुर- घट्टी
— ऊंचोद– ऊंचावद
— शेखपुर बोंगी- अवधपुरी
मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि अब गांव और शहरों के नाम जनभावनाओं के अनुरूप रखे जाएंगे. लोगों ने मांग रखी कि नाम बदले जाएं, तो अब नाम बदले जा रहे हैं. सीएम यादव ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, ”जब आपने कहा कि कुछ नाम अटक रहे और खटक रहे हैं तो मैं कुछ गलती तो नहीं कर रहा हूं? अगर मोहम्मदपुर मछनाई में कोई भी मोहम्मद नहीं है तो मोहम्मदपुर कैसा? कोई मुस्लिम बंधु हो तो नाम रखो. तो अब नाम बदलकर मोहनपुर कर दिया जाता है।