नर्मदापुरम। देश भर में आज मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सूर्य देव के उत्तरायण में आने का पर्व मकर संक्रांति मां नर्मदा की नगरी नर्मदापुरम में परंपरागत भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। वहीं मंडला में भी नर्मदा नदी के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच कर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही पूरे विधि विधान से मां नर्मदा की पूजा अर्चना कर रहे हैं।मकर संक्रांति पर्व पर मंडला में नर्मदा नदी के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा नदी में डुबकी लगाई। इसके बाद विधि विधान से मां नर्मदा की पूजा अर्चना की। कड़ाके की ठंड और कोहरा छाए रहने के बावजूद आस्था भीषण ठंड पर भी भारी पड़ी है। सुबह सूर्य भगवान के दर्शन के बाद लोगों की भीड़ और ज्यादा उमड़ पड़ी है। मंडला नगर सहित जिले के अन्य नर्मदा घाटों में भी लोगों का तांता लगा हुआ है। जिले के मोहगांव और निवास क्षेत्र से नर्मदा नदी के किनारे के घाटों में लोग इस भीषण ठंड में भी सोमवार शाम ही पहुंच गए थे। ताकि सुबह सूर्योदय के समय डुबकी लगाई जा सके। आदिवासी जिले में नर्मदा डुबकी के बाद खिचड़ी प्रसाद वितरित करने की परंपरा चली आ रही है। जिसे आज भी श्रद्धालु निभा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने महा संक्रांति पर्व के मद्देनजर चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी है। मंडला नगर में यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। ताकि नर्मदा घाट पहुंच रहे लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो।

नर्मदापुरम में परंपरागत भक्ति भाव से मनाया मकर संक्रांति पर्व
सूर्य देव के उत्तरायण में आने का पर्व मकर संक्रांति मां नर्मदा की नगरी नर्मदापुरम में परंपरागत भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति पर्व पर नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का मां नर्मदा के घाटों पर आने का सिलसिला अलसुबह से ही शुरू हो गया था। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक मकर संक्रांति पर्व काल सुबह 9.30 से प्रारंभ होकर आज 5.30 तक रहेगा। सूर्य देव के उत्तरायण में आने के उपयक्षय में इस पर्व को मनाया जाता है और इस दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। मानयता के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर और दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं। संक्रांति पर्व पर पुणय नदियां पवित्र तीर्थों में स्नान दान से जाने अनजाने किए पापों से मुक्ति मिलती है। मकर संक्रांति पर्व सामाजिक सरोकारों का पर्व भी है। इस दिन दान का विशेष महत्व होता है और सभी श्रद्धालु इस दिन अपनी क्षमतानुसार दान धर्म कर पुण्य लाभ कमाते हैं।