भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है किआईटी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जिसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से नई ऊर्जा मिलेगी। इस सेक्टर के लिए समिट में अलग से सत्र आयोजित होगा। मध्यप्रेदश में 15 से अधिक आईटी पार्क और 5 आईटी एसईजेड हैं, जिनमें इंदौर में क्रिस्टल आईटी पार्क और इंफोसिस जैसे प्रमुख सेंटर शामिल हैं। ये पार्क विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त हैं, जो टीसीएस, इंफोसिस और एक्सेंचर जैसी प्रमुख कंपनियों को आकर्षित करते हैं। परिवर्तन के दौर से गुजर रहे देश के तकनीकी इको सिस्टम के विकास के अगले केन्द्र टीयर-2 शहर हैं, जो टेक इनोवेशन और निवेश के नए हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं। इसकी वजह है यहां कम परिचालन लागत, उच्च जीवन स्तर और कुशल प्रतिभा पूल की उपलब्धता। टीयर-2 शहर अब तकनीकी कंपनियों की पसंद बनते जा रहे हैं। मध्यप्रदेश का व्यापक आईटी, आईटीईएस और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
300 से अधिक तकनीकी शिक्षा संस्थान
मध्यप्रदेश की विशेषता है कि 300 से अधिक तकनीकी शिक्षा संस्थान सालाना 50 हजार से अधिक तकनीकी स्नातक तैयार करते हैं। आईआईटी इंदौर, आईआईएम इंदौर और आईआईआईटी ग्वालियर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान अत्यधिक कुशल युवाओं को गढ़ते हैं। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क उद्योग के लिए कौशल संपन्न पेशेवर तैयार करता है।
प्रगतिशील नीतियां
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश की प्रगतिशील नीतियां और इनोवेशन को बढ़ावा देने और तकनीक के क्षेत्र में विश्वस्तरीय दिग्गज कंपनियों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। मध्यप्रदेश का मजबूत पॉलिसी-स्ट्रक्चर प्रौद्योगिकी संचालित विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश संवर्धन नीति 2023, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स पॉलिसी 2025, एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी 2025, ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति 2025 और सेमीकंडक्टर नीति 2025 शामिल हैं।
टेलेंट और इनोवेशन को बढ़ावा
प्रदेश सरकार के फोकस में उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ टेलेंट और इनोवेशन को बढ़ाते हुए आईटी पार्क, सॉफ्टवेयर हब और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में महत्वपूर्ण निवेश हैं। अग्रणी तकनीकी हब बनने की दृष्टि के साथ मध्यप्रदेश डिजिटल भविष्य को शक्ति प्रदान करने के रास्ते पर अग्रसर है। आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश संवर्धन नीति 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर केंद्रित है, जो कैपेक्स, भूमि, ब्याज छूट, मार्केटिंग और पेटेंट सहायता आदि प्रदान करती है। इसी तरह एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी-2025 एवीजीसी सेक्टर को सपोर्ट करते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, उत्पादन संबंधी वित्तीय सहायता, उद्योग सहयोग और एवीजीसी-एक्सआर लैब की स्थापना आदि के लिए सहयोगी है। इसके अलावा ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति 2025 ड्रोन निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए कैपेक्स सहायता, ड्रोन पाठ्यक्रमों के लिए प्रोत्साहन और अनुसंधान एवं विकास में सहयोग के साथ ड्रोन अपनाने को बढ़ावा देती है।
परिवर्तनकारी निवेशों की लहर
मध्यप्रदेश ने परिवर्तनकारी निवेशों की एक लहर देखी है, जो भारत के अगले बड़े तकनीकी केन्द्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करता है। इंदौर में एलटीआई माइंडट्री का 870 करोड़ रुपये का तकनीकी परिसर 10 हजार से ज्यादा नौकरियां प्रदान करेगा, जो आईटी सेवाओं और डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं में मध्यप्रदेश की भूमिका को मजबूत करेगा। रैकबैंक का डेटा सेंटर विस्तार में 644 करोड़ रुपये का निवेश मध्यप्रदेश के डिजिटल बुनियादी ढांचे और क्लाउड सेवाओं को मजबूत कर रहा है।
देश की डिजिटल क्रांति के साथ तालमेल
मध्यप्रदेश न केवल देश की डिजिटल क्रांति के साथ तालमेल बना रहा है, बल्कि यह इसका नेतृत्व भी कर रहा है। एआई, साइबर सुरक्षा, एवीजीसी-एक्सआर और ड्रोन में राज्य का विजन इनोवेशन और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता की अगली लहर के लिए आधार तैयार कर रहा है। एआई और साइबर सुरक्षा में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना, आगामी एवीजीसी, मीडिया पार्क और इनक्यूबेशन हब के साथ, अत्याधुनिक अनुसंधान और उद्योग सहयोग के लिए मध्यप्रदेश प्रतिबद्ध है। प्र