बेंगलुरु। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के 10वें संस्करण के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने 50 देशों की 500 से अधिक प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए, हर महिला को अपने भीतर की शक्ति, गुण और प्रतिभाओं को पहचानने और समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित किया। माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “गुरुदेव रवि शंकर और आर्ट ऑफ लिविंग ने दुनिया भर के लोगों को ध्यान और मानवीय सेवाओं के माध्यम से आंतरिक शांति पाने के लिए प्रेरित किया है। आज की इस प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे मानवीय मूल्य बरकरार रहें। यहीं पर महिलाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि वे करुणा और दयालुता के साथ नेतृत्व करती हैं। माननीय राष्ट्रपति ने मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने की आवश्यकता पर कहा, “सभी को अपनी बात रखने और अभिव्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण और समर्थन प्रणाली बना कर ही आप इस विषय पर चुप्पी तोड़ सकते हैं । मानसिक शक्ति के बिना बाधाओं और रूढ़ियों को तोड़ना संभव नहीं है। अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के प्रेरणास्त्रोत, वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव रवि शंकर ने कहा, “हम किसी भी महिला की आंखों से एक भी आंसू नहीं गिरने दे सकते। गुरुदेव ने यह भी कहा, “भारत ने दिखाया है कि महिलाओं को सशक्तिकरण की कितनी आवश्यकता है और यह बहुत प्रगतिशील है। यहां पुरानी कथाओं के अनुसार सभी मुख्य मंत्रालयों का प्रभार महिलाओं को ही सौंपा गया हैं, जैसे रक्षा मंत्रालय- दुर्गा, वित्त मंत्रालय – लक्ष्मी और शिक्षा मंत्रालय – सरस्वती सम्भालती हैं । लगभग दो दशकों और 10 संस्करणों में, अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन ने 115 देशों से प्रतिष्ठित वक्ताओं और 6,000 प्रतिनिधियों को एकत्रित किया है। इस वर्ष के सम्मेलन में 60 से अधिक वक्ता और 50 से अधिक देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं।
सम्मानित वक्ताओं ने अपनी व्यक्तिगत यात्राओं के दृष्टिकोण से महिलाओं को आगे बढ़ने, बदलाव लाने और अपने समुदायों और राष्ट्रों को प्रेरित करने के लिए अपने विचार साझा किए।
प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने कहा, “कई भूमिकाओं को सहजता के साथ संतुलित करना वह वास्तविकता है जिसका सामना कई महिलाएँ करती हैं। कई लोग पूछते हैं कि मैं नृत्य, प्रस्तुतियाँ और सार्वजनिक सेवा को कैसे सम्भालती हूँ? मैं कहती हूँ, ‘जस्ट बी।’ योग, नृत्य और ध्यान, जिसे गुरुदेव ने सिखाया है; मुझे खुद को केंद्रित करने में मदद करते हैं।” महिला और बाल विकास मंत्री माननीय श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा: “‘जस्ट बी’ हमें यह याद दिलाता है कि भौतिक सफलता का पीछा करते हुए हमें जमीन से जुड़े रहना चाहिए। ध्यान और प्राणायाम हमें संतुलन और स्पष्टता पाने में मदद करते हैं। जब महिलाएं खुद को पूरी तरह से स्वीकार करती हैं, तो उन्हें आत्मविश्वास और स्वतंत्रता मिलती है।”
उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग के काम की सराहना की, जो तनाव-राहत कार्यक्रमों और सेवा परियोजनाओं से दुनिया भर में लाखों लोगों को शांति दे रहा है।
कॉमनवेल्थ की माननीय महासचिव, पैट्रीशिया स्कॉटलैंड का मुख्य संदेश था – अनिश्चितता को लचीलेपन और विश्वास के साथ पार करना। उन्होंने कहा, “हम कठिन दौर से गुजर रहे हैं, जहां दर्द और चुनौतियाँ हैं। आज हमें पहले से कहीं अधिक धैर्य और शांति के संदेश की आवश्यकता है। दृढ़ संकल्प, इच्छा, योग और ध्यान के अभ्यास से, हम चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और बाधाओं को तोड़ सकते हैं। जो भी सफलता मैंने पाई है, मेरी मेहनत से नहीं बल्कि मेरे विश्वास के कारण है ।”