मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व-सहायता समूह महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने का एक सशक्त माध्यम है। इससे न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध भी हो रही है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की पहल में स्व-सहायता समूह की महिलाओं की प्रमुख भूमिका है। सशक्त नारी ही समृद्ध प्रदेश का आधार हैl मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को धार जिले के कुक्षी में आयोजित स्व-सहायता समूह सम्मेलन सह-पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की बहनों को निकाय चुनाव में 50% आरक्षण दिया जा रहा है। साथ ही 2029 तक लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 33% आरक्षण के प्रयास भी किये जा रहे हैं। जमीन या मकान की रजिस्ट्री महिला के नाम पर करने पर पंजीयन शुल्क में छूट दी जा रही है। लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। महिला स्व-सहायता समूह की बहनों ने हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर अपना सामर्थ्य दिखाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देशभर की महिलाएं सशक्त हो रही हैं। आज जनजातीय वर्ग की महिला देश की राष्ट्रपति हैं।
मुख्यमंत्री ने किया पोषण प्रदर्शनी का अवलोकन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व-सहायता समूह की सदस्यों द्वारा पोषण पखवाड़े में श्रीअन्न से निर्मित खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने व्यंजनों की प्रशंसा की।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने साझा किये अपने अनुभव
समारोह में ग्राम पिपलिया सरपंच श्रीमती अनीता लोकेश पांचाल ने मंच से जल गंगा संवर्धन अभियान में किए गए बावड़ी जीर्णोद्धार कार्य के अनुभव साझा कर बताया कि पहले बावड़ी बहुत गंदी थी। जनसहयोग एवं जन भागीदारी से बावड़ी का पानी पीने योग्य हो गया है। भविष्य में पंचायत को मॉडल पंचायत के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
ग्राम झड़दा निवासी सुखली बाई ने स्व-सहायता समूह के अनुभव साझा करते हुए बताया कि पूर्व में उनके घर की स्थिति खराब थी लेकिन श्री सांई स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद ऋण प्राप्त किया। उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया और स्वयं का भी एक छोटा व्यवसाय शुरू किया। अब वह लेखा जोखा करना भी सीख गई हैं। बच्चे भी शिक्षित होकर बड़े पदों पर कार्यरत है।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने बताया कि बाल्यावस्था में बच्चों को भरपूर पोषण मिले तो वह सशक्त बनेंगे और राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में समर्थ होंगे। हमारा दायित्व है कि हम भारत के भविष्य को पोषण दें। वर्तमान सरकार महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है
महिला एवं बाल विकास विभाग के 8 से 22 अप्रैल तक चल रहे 7वें पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम को लेकर संवाद एवं समीक्षा की। पोषण पखवाड़े में मुख्य रूप से 4 विषयों पर जोर दिया जा रहा है। ये विषय हैं जीवन के पहले एक हजार दिनों पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाना, कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे को दूर करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली।