वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान ने दुनिया के सभी देशों की टेंशन बढ़ा दी है। अब खबरें हैं कि अमेरिका उद्योग जगत के दिग्गज भी चिंताओं से अछूते नहीं हैं। खास बात है कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क समेत ऐसे कई अरबपति हैं जो ट्रंप को अभियान या इनॉग्युरल फंड के नाम पर भारी चंदा दे चुके हैं, लेकिन साल की शुरुआत के साथ ही उन्हें लाखों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है। इस लिस्ट में पहला नंबर ही मस्क का है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग, एप्पल के सीईओ टिम कुक, गूगल के सीईओ सुंदर पिचई, टेस्ला के मस्क और अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनियों ने मिलकर करीब 1.8 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान उठाया है। यह आंकड़ा साल की शुरुआत से लेकर अब तक का है।

किसे हुआ कितना नुकसान

एलन मस्क: रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क ने कम से कम 290 मिलियन डॉलर ट्रंप के समर्थन में डोनेट किए थे। ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत से लेकर अब तक उनकी नेट वर्थ में 143 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है। इसकी बड़ी वजह टेस्ला के शेयर में गिरावट है। खास बात है कि ट्रंप प्रशासन में मस्क का कार्यकाल खासा विवादित रहा है।

मार्क जकरबर्ग: ट्रंप के इनॉग्युरल फंड में मेटा ने 1 मिलियन डॉलर के दान का वादा किया था। इसके अलावा जकरबर्ग और ट्रंप की कई मौकों पर मुलाकात भी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 की शुरुआत से जकरबर्ग की नेटवर्त में 26.5 बिलियन डॉलर की गिरावट हुई है। जबकि, मेटा के शेयर करीब 2.25 फीसदी गिर गए हैं।

जेफ बेजोस: बेजोस ने ट्रंप की जीत पर खुशी जाहिर की थी और अमेजन ने इनॉग्युरल फंड में 1 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया था। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक बेजोस की नेट वर्थ 47.2 बिलियन डॉलर गिर गई है। वहीं, अमेजन के शेयर 13 फीसदी नीचे गिर गए हैं।

सुंदर पिचई: गूगल ने ट्रंप के इनॉग्युरल फंड में 1 मिलियन डॉलर डोनेट किए थे और कार्यक्रम को यूट्यूब पर लाइव प्रसारित किया था। इसके अलावा पिचई उन CEOs की सूची में शामिल हैं, जो चुनाव के बाद मार-ए-लागो गए थे। गूगल का स्टॉक 16.2 फीसदी गिर गया और मूल्यांकन 386.7 बिलियन डॉलर कम हो गया है।

टिम कुक: ट्रंप की इनॉग्युरल कमेटी में एप्पल के सीईओ कुक ने व्यक्तिगत रूप से 1 मिलियन डॉलर जमा किए थे। इसके अलावा अमेरिका में ही अगले 4 सालों में 500 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया था। हालांकि, अब टैरिफ वॉर का बड़ा असर एप्पल पर ही पड़ने के आसार हैं। कंपनी का स्टॉक साल की शुरुआत से अब तक 18.5 फीसदी गिर चुका है और मार्केट वैल्यू में 684 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।