मुंबई। अडानी ग्रुप (Adani Group) में एलआईसी (LIC) के निवेश को लेकर अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ने देश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए, वहीं एलआईसी ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। दरअसल, वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एलआईसी ने मई 2025 में अडानी ग्रुप में करीब 3.9 अरब डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया, ताकि समूह को फायदा पहुंचाया जा सके। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह निवेश सरकारी दबाव में किया गया। हालांकि, एलआईसी ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट का उद्देश्य भारत के वित्तीय क्षेत्र की साख को नुकसान पहुंचाना है। एलआईसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उसके सभी निवेश पारदर्शी प्रक्रिया और नियामक दिशानिर्देशों के तहत किए जाते हैं, जिनमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती। कंपनी ने कहा कि यह रिपोर्ट उसकी “साफ-सुथरी छवि” को धूमिल करने की कोशिश है।
एलआईसी का अडानी ग्रुप में निवेश कितना है?
सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, एलआईसी की अडानी ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में हिस्सेदारी इस प्रकार है:
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अडानी पोर्ट्स: 7.73%
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अडानी एंटरप्राइजेज: 4.16%
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अडानी ग्रीन एनर्जी: 1.3%
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अडानी एनर्जी सॉल्यूशन: 3.42%
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अडानी टोटल गैस: 6%
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अंबुजा सीमेंट: 7.31%
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एसीसी लिमिटेड: 9.95%
एलआईसी का कुल इक्विटी निवेश लगभग 16 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि अडानी ग्रुप में उसका निवेश करीब 60 हजार करोड़ रुपये है — यानी एलआईसी के कुल पोर्टफोलियो का लगभग 4% हिस्सा।
एलआईसी के टॉप-5 निवेश
अडानी ग्रुप एलआईसी के शीर्ष निवेशों में शामिल नहीं है। एलआईसी का सबसे बड़ा निवेश देश की अग्रणी कंपनियों में है:
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रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) – ₹1.38 लाख करोड़ (6.94% हिस्सेदारी)
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आईटीसी लिमिटेड – ₹82,342 करोड़ (15.86%)
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एचडीएफसी बैंक – ₹72,500 करोड़ (5.45%)
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) – ₹68,000 करोड़ (9.59%)
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लार्सन एंड टुब्रो (L&T) – ₹66,053 करोड़ (13% से अधिक)
इसके बाद इंफोसिस में भी एलआईसी का लगभग ₹63,400 करोड़ का निवेश है।
इन आंकड़ों से साफ है कि एलआईसी का भरोसा मुख्यतः बैंकिंग, आईटी, और कंज्यूमर सेक्टर पर है।
पोर्टफोलियो में बदलाव
जून 2025 तिमाही के दौरान, एलआईसी ने 81 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई और चार सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा शेयरों को जोड़ा। फिलहाल एलआईसी का पोर्टफोलियो 300 से अधिक कंपनियों में फैला है, जहां वह कम से कम 1% हिस्सेदारी रखती है।
अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया
अडानी ग्रुप ने भी इस विवाद पर कहा कि एलआईसी का उनके समूह में निवेश “अन्य बड़े औद्योगिक समूहों की तुलना में काफी कम” है और यह सिर्फ पोर्टफोलियो विविधीकरण (diversification) का हिस्सा है। समूह ने दोहराया कि एलआईसी सहित सभी संस्थागत निवेशक स्वतंत्र रूप से और नियामक नियमों के अनुसार निवेश करते हैं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी इस समय एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी नेटवर्थ लगभग 6.22 लाख करोड़ रुपये है। फोर्ब्स के अनुसार, वे दुनिया के 27वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अडानी ग्रुप का व्यवसाय कोयला व्यापार, खनन, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, सीमेंट और गैस डिस्ट्रीब्यूशन जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।
