पटना। बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान अब नई दिशा में मुड़ गई है। बातचीत से समाधान न निकलते देख भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने भाजपा को सहयोगी दलों—चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा—को मनाने की जिम्मेदारी दी है। अब एनडीए की रणनीति यह है कि पहले तीनों छोटे दलों की सीटों पर सहमति बना ली जाए, उसके बाद भाजपा और जेडीयू आपस में बची हुई सीटों का बंटवारा करें।

तीनों नेताओं ने मिलकर लगभग 75 सीटों की मांग रखी है

  • चिराग पासवान की लोजपा (आर): 40 सीटें

  • उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो: 20 सीटें

  • जीतनराम मांझी की हम: 15 सीटें

हालांकि, पहले दौर की बातचीत में कोई भी नेता अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है। भाजपा की ओर से धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े, नित्यानंद राय, मंगल पांडेय और सम्राट चौधरी को इस मिशन पर लगाया गया है।

बीजेपी और जेडीयू दोनों का लक्ष्य करीब 100–103 सीटों पर चुनाव लड़ने का है, जबकि सहयोगियों की मांगें पूरी होने पर केवल 168 सीटें बचती हैं। यही कारण है कि एनडीए अब छोटे दलों को साधने में पूरी ताकत झोंक रहा है।

सूत्र बताते हैं कि जेडीयू चाहती है कि उसे भाजपा से कम से कम एक सीट ज्यादा मिले, जबकि भाजपा चाहती है कि पहले सहयोगियों की मांगों को सीमित कर लिया जाए।
साफ है कि बिहार एनडीए की सियासी गोटी फिलहाल सहयोगियों की मंजूरी पर ही टिकेगी।