ग्वालियर। अंबेडकर प्रतिमा को लेकर छह महीने पहले शुरू हुआ विवाद अब एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। 15 अक्टूबर को अंबेडकर समर्थकों द्वारा बड़े आंदोलन की चेतावनी के बाद पूरे ग्वालियर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए शहर में 4,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कलेक्टर द्वारा धारा 163 लागू किए जाने के बाद शहर पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह विवाद हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर शुरू हुआ था। कुछ वकीलों ने प्रतिमा स्थापना की मांग की, जबकि बार काउंसिल अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ वकील इसके विरोध में उतर आए। इस मतभेद के बाद मामला राजनीतिक और सामाजिक रंग लेने लगा।

आपत्तिजनक टिप्पणी बनी आग में घी

विवाद उस समय और भड़क गया जब बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा ने अंबेडकर को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इसके बाद आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी जैसे संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। यही कारण है कि प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया।

सख्त सुरक्षा और सोशल मीडिया पर नजर

ग्वालियर पुलिस के साथ ही बाहर से आए अतिरिक्त 800 सुरक्षाकर्मी भी शहर में तैनात हैं। सभी सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। अब तक 500 से ज्यादा भड़काऊ पोस्ट हटवाई जा चुकी हैं और 100 से अधिक लोगों को नोटिस भी जारी किया गया है।

शहर की सीमाएं सील, चप्पे-चप्पे पर नजर

पुलिस ने शहर की सीमाओं को भी सील कर दिया है। शिवपुरी, मुरैना, झाँसी और भिंड की ओर आने वाले सभी हाईवे पर नाकेबंदी की गई है। आने-जाने वालों की सघन तलाशी ली जा रही है।

प्रशासन की अपील – शांति बनाएं रखें

ग्वालियर की सीएसपी हिना खान ने कहा कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं और पुलिस हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने आमजन से शांति बनाए रखने और सहयोग की अपील की है, ताकि रोजमर्रा की जिंदगी पर कोई असर न पड़े।