नई दिल्ली।
इंडियन एयरफोर्स (IAF) को लंबे समय से जिन एडवांस लड़ाकू विमानों की आवश्यकता थी, उनकी उपलब्धता अब बेहद करीब है। भारत अपनी स्क्वाड्रन संख्या बढ़ाने की योजना में 114 मल्टी-रोल फाइटर जेट्स की खरीद के लिए MRFA प्रोजेक्ट के अहम चरण में है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत ने फ्रांस के दसॉल्ट राफेल F4 स्टैंडर्ड में रुचि और सहमति लगभग पक्की कर ली है।

राफेल F4 की खासियत:
राफेल F4 मौजूदा राफेल विमानों का एडवांस वर्जन है। इसमें AI-आधारित उन्नत संचार प्रणाली, नई पीढ़ी के हथियार और सेंसर हैं, जो मारक क्षमता और सटीकता को बढ़ाते हैं। यह विमान रखरखाव में कम समय लेगा और ऑपरेशनल समय अधिक रहेगा।

MRFA टेंडर की जरूरत:
IAF की स्वीकृत स्क्वाड्रन ताकत 42 है, लेकिन वर्तमान में केवल 29 स्क्वाड्रन हैं। MRFA सौदा इस अंतर को भरने के लिए बेहद जरूरी है। राफेल F4 का चयन मौजूदा राफेल अनुभव के कारण पायलट प्रशिक्षण और रखरखाव में सुविधाजनक रहेगा।

मेक इन इंडिया और रणनीतिक महत्व:
यह डील केवल विमानों की खरीद तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने का भी अवसर है। सौदे में अधिकांश विमानों का निर्माण भारत में होगा और फ्रांस से बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) की संभावना है। यह सौदा भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।

सूत्रों के अनुसार, 2026 तक इस MRFA कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिससे भारत की हवाई ताकत में महत्वपूर्ण इजाफा होगा।