इंदौर। ग्लोबल संकेतों के असर से सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट जारी है। मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना और चांदी दोनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सोने की कीमत ₹3,000 प्रति 10 ग्राम से अधिक टूटी, जबकि चांदी में भी ₹3,000 प्रति किलो तक की गिरावट आई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट वैश्विक बाजारों की कमजोरी, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में कमी की उम्मीदों के कारण हुई है।
MCX पर कीमतों का हाल
मंगलवार को MCX पर सोना 0.7% गिरकर ₹1,20,106 प्रति 10 ग्राम पर खुला, जबकि चांदी 0.69% की गिरावट के साथ ₹1,42,366 प्रति किलो पर शुरू हुई। दिन के अंत में सोना 2.06% की गिरावट के साथ ₹1,18,461 प्रति 10 ग्राम और चांदी 1.36% गिरकर ₹1,41,424 प्रति किलो पर बंद हुई। हालांकि, बुधवार सुबह शुरुआती कारोबार में दोनों धातुओं में मामूली रिकवरी देखी गई।
रिकॉर्ड हाई से बड़ी गिरावट
MCX के आंकड़ों के मुताबिक, सोने का रिकॉर्ड हाई ₹1.32 लाख प्रति 10 ग्राम था, जो अब घटकर ₹1.18 लाख पर आ चुका है — यानी ₹13,000 से अधिक की गिरावट। वहीं चांदी अपने रिकॉर्ड हाई ₹1.70 लाख प्रति किलो से गिरकर ₹1.41 लाख प्रति किलो पर पहुंच गई है — लगभग ₹29,000 की कमी।
क्यों गिर रहे हैं दाम?
मेहता इक्विटीज़ लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज़) राहुल कलंत्री के अनुसार, पिछले दो महीनों की मजबूत तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है, जिससे कीमतों पर दबाव बढ़ा। उन्होंने बताया, “सोना और चांदी प्रमुख मनोवैज्ञानिक स्तरों से नीचे फिसल गए हैं। डॉलर की मजबूती और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में प्रगति की उम्मीदों ने सेफ हेवन (सुरक्षित निवेश) की मांग घटा दी है।” कलंत्री के अनुसार, ग्लोबल स्तर पर सोने को $3,940–$3,905 प्रति औंस पर सपोर्ट और $4,055–$4,100 के स्तर पर रेसिस्टेंस मिला है।
भू-राजनीतिक तनावों में कमी का असर
गाजा शांति वार्ता में तेजी और भू-राजनीतिक चिंताओं के कम होने से भी सोने की मांग कमजोर हुई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कमजोर रुपया फिलहाल घरेलू स्तर पर सर्राफा बाजार को कुछ सहारा दे रहा है।
केंद्रीय बैंकों के फैसलों पर टिकी निगाहें
निवेशकों की नजर अब केंद्रीय बैंकों के आगामी नीतिगत फैसलों पर है। अमेरिका में नरम महंगाई के ताज़ा आंकड़ों के बाद, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना है। वहीं यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) और बैंक ऑफ जापान फिलहाल अपनी नीतियों को यथावत रख सकते हैं। अगर ब्याज दरों में उम्मीद से कम कटौती होती है, तो सोना और चांदी पर और दबाव बन सकता है।
शॉर्ट टर्म में और गिरावट संभव
एस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के सीईओ दर्शन देसाई का कहना है कि निकट भविष्य में सोना-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। उन्होंने कहा, “मजबूत डॉलर और अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर बढ़ते आशावाद ने सुरक्षित निवेश की मांग घटाई है।
अगर फेडरल रिजर्व अपेक्षा से कम दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतों में और गिरावट संभव है।”

