बेंगलुरु। कर्नाटक ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से आग्रह किया कि वह एक सर्कुलर जारी कर सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ या उससे जुड़े संस्थाओं के कार्यक्रम में जाने पर रोक लगायें। श्री खरगे ने13 अक्टूबर के पत्र में अपने पहले के अनुरोध को दोहराया कि आरएसएस को सरकारी परिसरों या सार्वजनिक स्थानों पर अपने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। मंत्री ने कहा कि कई राज्य सरकार के कर्मचारी आरएसएस और अन्य समूहों द्वारा आयोजित की गयी कार्यक्रमों में भाग लेते हुए पाये गये हैं, जो कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम 2021 के प्रावधानों का उल्लंघन है। श्री खरगे ने आचरण नियमावली के नियम पांच (एक) का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य नहीं हो सकता या उस संस्था से नहीं जुड़ सकता जो राजनीति में हिस्सा लेती हो, न ही वह किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग ले सकता है, न ही किसी प्रकार की सहायता के लिये चंदा देगा। मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे अधिकारियों को सर्कुलर जारी करने का निर्देश दें जिसमें चेतावनी दी जाये कि नियम का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। श्री खरगे के रुख पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आयी हैं। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर आरएसएस को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जबकि मंत्री ने कहा है कि उनका अनुरोध पूरी तरह से मौजूदा सेवा आचरण नियमों के अनुरूप है।