बेंगलुरु। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अमेरिका और इज़राइल का ईरान पर हमला, रूस-यूक्रेन युद्ध और दक्षिण एशिया में हालिया ऑपरेशन सिंदूर — इन घटनाओं ने दुनिया के रक्षा समीकरण को हिला दिया है। हर देश अब अपनी एयर डिफेंस कैपेबिलिटी और फाइटर जेट टेक्नोलॉजी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में जुटा है। भारत भी इससे अलग नहीं। चीन और पाकिस्तान से घिरे इस क्षेत्र में भारत ने अपनी नेशनल सिक्योरिटी को नई तकनीकों से सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट इसी दिशा की ऐतिहासिक पहल है — जो भारत को 5वीं और संभावित 6वीं पीढ़ी के फाइटर जेट क्लब में शामिल करेगा।
₹15,000 करोड़ का फंड और भविष्य की तकनीक
AMCA का प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने ₹15,000 करोड़ का फंड आवंटित किया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद है — एक स्टील्थ, सुपरक्रूज़ और मल्टी-मिशन सक्षम फाइटर जेट विकसित करना, जो भविष्य में अमेरिकी F-35 और चीनी J-35 के समकक्ष हो सके। इस विमान में भारत-फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित 120 kN इंजन लगाया जाएगा, जिसे डीआरडीओ का गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट (GTRE) और फ्रांस की सफ्रान (Safran) कंपनी मिलकर तैयार कर रहे हैं। इस इंजन की सबसे खास बात है इसका “फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल (FADEC)” सिस्टम — जो इसे पारंपरिक 5वीं नहीं, बल्कि 6वीं पीढ़ी के फाइटर जेट की श्रेणी की ओर ले जाएगा।
FADEC सिस्टम: फाइटर इंजन की ‘डिजिटल आत्मा’
FADEC एक अत्याधुनिक डिजिटल कंट्रोल यूनिट है जो इंजन की पूरी परफॉर्मेंस को संभालती है — थ्रस्ट, फ्यूल फ्लो, एयर इनटेक और टर्बाइन का तापमान तक। ‘idrw.org’ की रिपोर्ट के अनुसार, नया FADEC अपने पिछले वर्जन से 10 गुना ज्यादा कंप्यूटिंग क्षमता रखता है। इससे इंजन न केवल बेहतर प्रदर्शन करेगा, बल्कि खुद अपनी मेंटेनेंस जरूरतों का अनुमान भी लगाएगा — यानी एक AI-सक्षम स्मार्ट इंजन।
FADEC की प्रमुख चार खूबियाँ:
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डेटा कैप्चर और एनालिसिस:
इंजन सेंसर से विशाल मात्रा में डेटा एकत्र कर रीयल-टाइम एनालिसिस करता है, जिससे खराबी का अनुमान पहले ही लग जाता है। -
बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी:
मिशन के हिसाब से इंजन पैरामीटर्स को डायनेमिक रूप से एडजस्ट कर ईंधन की खपत घटाता है, जिससे जेट की रेंज और “एंड्यूरेंस” बढ़ती है। -
हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग:
नए FADEC का प्रोसेसर बेहद जटिल एल्गोरिद्म को हल कर सकता है, जिससे AMCA सबसोनिक से सुपरसोनिक हर गति पर परफेक्ट परफॉर्मेंस देता है। -
फ्यूचर-रेडी स्केलेबिलिटी:
इसकी मॉड्यूलर डिजाइन इसे AMCA Mk1, Mk2 और भविष्य के 6वीं पीढ़ी के प्लेटफॉर्म्स के साथ भी संगत बनाती है।
AMCA और TEDBF को मिलेगा बूस्ट
FADEC सिस्टम न केवल AMCA बल्कि नौसेना के Twin Engine Deck-Based Fighter (TEDBF) प्रोग्राम को भी ताकत देगा।
भारत और फ्रांस के बीच हुए G2G (Government-to-Government) समझौते के तहत इस इंजन की Intellectual Property Rights (IPR) भारत के पास रहेंगी — यानी भविष्य में भारत इसे स्वतंत्र रूप से मॉडिफाई और अपग्रेड कर सकेगा। यह स्वदेशी टेक्नोलॉजी भारत को “Atmanirbhar Bharat in Defence” के लक्ष्य के करीब लाती है।
चीन के J-20 और J-35 को टक्कर
FADEC इंजन में इस्तेमाल Ceramic Matrix Composites (CMC) और Single Crystal Turbine Blades जैसी हाई-टेम्परेचर तकनीकें इसे चीनी और अमेरिकी जेट्स के बराबर बना रही हैं। AMCA का लक्ष्य है — 2035 तक ऑपरेशनल होना। विशेषज्ञों के मुताबिक, FADEC सिस्टम के जुड़ने से AMCA की लाइफ-साइकिल कॉस्ट 15–20% तक घट सकती है और यह चीन के J-20 तथा J-35 जैसे स्टील्थ फाइटर्स को चुनौती दे सकेगा।
6th Gen की ओर बढ़ता भारत
भारत के लिए यह सिर्फ एक फाइटर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजिकल सोवरेनिटी (तकनीकी आत्मनिर्भरता) की दिशा में निर्णायक कदम है। FADEC-सक्षम इंजन आने वाले समय में डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स, AI-असिस्टेड ड्रोन कंट्रोल और स्वॉर्म अटैक सिस्टम्स जैसी 6th Gen क्षमताओं को एकीकृत करने का रास्ता खोलेगा।