इस्लामाबाद। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने आतंक फैलाने का नया रास्ता निकाल लिया है। अब यह संगठन पाकिस्तान में महिलाओं और लड़कियों को सिर्फ 500 रुपये में जिहाद की ट्रेनिंग देने का दावा कर रहा है। इसके लिए एक विशेष कोर्स शुरू किया गया है, जिसकी अगुवाई आतंकी मसूद अजहर की बहनें और उमर फारूक की पत्नी कर रही हैं। इस कोर्स का नाम ‘तुफ़्त अल मुमिनात’ (Tohfat-ul-Muminat) रखा गया है। संगठन ने इसके तहत ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके ज़रिए बड़ी संख्या में महिलाओं को “धर्म और जिहाद की शिक्षा” देने की आड़ में आतंक की राह पर ले जाने की कोशिश की जा रही है।

जैश की ‘महिला ब्रिगेड’ की शुरुआत

सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद ने हाल ही में महिलाओं की भर्ती के लिए ‘जमात-उल-मुमिनात’ नामक एक नई ब्रिगेड बनाई है।
इस ब्रिगेड की कमान मसूद अजहर की छोटी बहन सादिया अजहर के हाथों में है। सादिया के पति आतंकी यूसुफ अजहर को भारत में हुए ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था। इसके अलावा, इस कोर्स में मसूद अजहर की दूसरी बहन सफिया अजहर और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की पत्नी अफरीरा फारूक भी शामिल हैं। ये महिलाएं 8 नवंबर से शुरू होने वाले ऑनलाइन लाइव लेक्चर के ज़रिए नई भर्तियाँ करने की योजना बना रही हैं।

‘जिहाद’ के नाम पर फंड जुटाने की साजिश

जैश अब इन महिला कोर्सेज़ के ज़रिए फंड इकट्ठा करने का नया तरीका अपना रहा है। हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये फीस के रूप में लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि महिलाओं को ऑनलाइन फॉर्म भरवाए जा रहे हैं और उनसे “दान” के नाम पर रकम मांगी जा रही है। इसी महीने 8 अक्टूबर को मसूद अजहर ने महिला विंग के गठन की घोषणा की थी, जबकि 19 अक्टूबर को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में “दुख्तरिन-ए-इस्लाम” नाम से एक रिक्रूटमेंट प्रोग्राम भी आयोजित किया गया।

SIS और हमास की तर्ज पर फिदायीन दस्ते की तैयारी

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जैश अब ISIS, हमास और LTTE जैसे आतंकी संगठनों की तर्ज पर महिला फिदायीन दस्ते बनाने की तैयारी में है। पाकिस्तान में कट्टर सामाजिक मानदंडों के चलते जहां महिलाओं का सार्वजनिक जीवन सीमित है, वहीं जैश इस स्थिति का फायदा उठाते हुए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए महिलाओं को आतंकी विचारधारा से जोड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भविष्य में पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए नया सुरक्षा संकट पैदा हो सकता है।

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर

रिपोर्ट बताती है कि जैश-ए-मोहम्मद की यह नई गतिविधि FATF के नियमों की खुली अवहेलना है।
पाकिस्तान दावा करता है कि वह आतंकी फंडिंग रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि मसूद अजहर खुलेआम जकात और दान के नाम पर पैसा जुटा रहा है और अब महिलाओं को “जिहाद क्लासेस” में शामिल कर उनसे भी रकम वसूल रहा है।

मुख्य बिंदु संक्षेप में

  • जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं के लिए ‘जिहाद ट्रेनिंग कोर्स’ शुरू किया।

  • हर प्रतिभागी से 500 पाकिस्तानी रुपये की फीस ली जा रही है।

  • कोर्स की अगुवाई मसूद अजहर की बहनें और आतंकी कमांडरों की पत्नियाँ कर रही हैं।

  • महिला ब्रिगेड ‘जमात-उल-मुमिनात’ और प्रोग्राम ‘तुफ़्त अल मुमिनात’ नाम से चलाया जा रहा है।

  • उद्देश्य: महिलाओं को भर्ती कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करना और फंडिंग जुटाना।