ग्वालियर। मध्य प्रदेश में किसानों की खाद की किल्लत अब खत्म होने जा रही है। ग्वालियर जिले के डबरा ब्लॉक में पदस्थ कृषि विस्तार अधिकारी विशाल यादव ने किसानों की समस्या का अनोखा समाधान निकाल लिया है। उन्होंने खुद से कोडिंग कर एक वेब ऐप “फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन डेटाबेस” तैयार किया है, जिससे हर किसान को उसकी जमीन के रकबे के अनुसार खाद मिल सकेगी।
यह सिस्टम किसानों की समग्र आईडी और आधार कार्ड से जुड़ा है। किसान की भूमि का रकबा दर्ज होते ही सिस्टम अपने-आप उसकी खाद पात्रता तय करता है — जैसे 2 बीघा पर एक बैग डीएपी और 1 बीघा पर एक बैग यूरिया। एक बार कोटा पूरा होने पर किसान दोबारा खाद नहीं ले सकता, जिससे कालाबाजारी पर रोक लगेगी।
यह सिस्टम फिलहाल डबरा और भितरवार ब्लॉक में लागू किया गया है। सफलता मिलने पर इसे पूरे प्रदेश में शुरू करने की तैयारी है। कृषि अधिकारी विशाल यादव ने बताया कि उन्होंने जावा लैंग्वेज की ट्रेनिंग ली थी और उसी कौशल का उपयोग कर यह सिस्टम विकसित किया।
इस पहल से किसानों को लाइन में लगने की परेशानी से राहत मिलेगी और खाद वितरण में पारदर्शिता आएगी।