न्यूयॉर्क/वाशिंगटन।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को समाप्त कराने में उनकी भूमिका “काफी प्रभावी” रही। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने शुल्क (टैरिफ) को युद्ध रोकने का “सबसे कारगर तरीका” बनाकर इस्तेमाल किया।
अगर मैंने शुल्क की ताकत नहीं दिखाई होती, तो चार युद्ध अब भी जारी रहते” — ट्रंप
व्हाइट हाउस के ‘ओवल ऑफिस’ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा अमेरिका के लिए शुल्क बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे हम न केवल अरबों डॉलर कमाते हैं, बल्कि इसके जरिए हम शांतिदूत भी बन गए हैं। अगर मैंने शुल्क की ताकत का इस्तेमाल नहीं किया होता, तो चार युद्ध आज भी चल रहे होते। ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश उस समय युद्ध के लिए तैयार थे। सात विमान गिराए गए थे, और दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था — उन्होंने संघर्ष रोक दिया, और यह शुल्क की वजह से हुआ था।
भारत का इनकार: “किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी”
भारत ने इस पूरे मामले में किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से साफ इनकार किया है। भारत सरकार के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया था। चार दिन चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ। भारत ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत से हुआ था, किसी बाहरी मध्यस्थ के कारण नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में भी स्पष्ट किया था कि किसी भी विदेशी नेता ने भारत से “ऑपरेशन सिंदूर” रोकने के लिए नहीं कहा।
ट्रंप का बड़ा दावा: “सात युद्ध खत्म कराए”
ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने अपने प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में अब तक सात बड़े युद्ध समाप्त कराए हैं। इनमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष के अलावा कंबोडिया-थाईलैंड, कोसोवो-सर्बिया, कांगो-रवांडा, इज़राइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और आर्मेनिया-अज़रबैजान के युद्ध शामिल हैं। “मैं युद्ध रोकने के लिए शुल्क का इस्तेमाल करता हूं,” — ट्रंप ने कहा, “शुल्क की वजह से ही हम शांतिदूत बन गए हैं।”