पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच सीट बंटवारे पर चल रही बातचीत टूट गई है।सूत्रों के मुताबिक, राजद ने पारस को अपनी पार्टी का विलय (merger) करने के बदले तीन सीटों का प्रस्ताव दिया था, लेकिन पारस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ किया है कि वे अपनी पार्टी को स्वतंत्र रूप से जारी रखेंगे और किसी के साथ विलय नहीं करेंगे।
BSP और AIMIM के साथ नए गठबंधन की तैयारी
सूत्रों का दावा है कि अब पारस की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के साथ गठबंधन बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। यह नया गठजोड़ दलित-मुस्लिम समीकरण को साधने की कोशिश करेगा, जो कई सीटों पर महागठबंधन के वोट बैंक को सीधे प्रभावित कर सकता है।
सूरजभान सिंह ने छोड़ा साथ
इसी बीच सियासी समीकरण और दिलचस्प हो गया है। बाहुबली नेता सूरजभान सिंह ने पारस से दूरी बना ली है।जानकारी के अनुसार, उनकी पत्नी और पूर्व सांसद वीणा देवी को राजद ने मोकामा सीट से टिकट देने का फैसला किया है।वे यहां अनंत सिंह के खिलाफ मैदान में उतरेंगी।साथ ही, सूरजभान के भाई और पूर्व सांसद चंदन सिंह को भी राजद से टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही है।
नया समीकरण या सियासी दांव?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पारस-BSP-AIMIM गठबंधन दलित और अल्पसंख्यक वोटों को प्रभावित कर सकता है, खासकर सीमांचल और उत्तर बिहार के उन इलाकों में जहां पारस गुट का असर रहा है। अब देखना होगा कि यह गठबंधन महागठबंधन के लिए वास्तविक चुनौती बनता है या फिर यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक सियासी कदम साबित होता है।