मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टार्मर के साथ व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की। इस चर्चा में व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर बुधवार सुबह दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे थे। उनके साथ ब्रिटेन के 125 शीर्ष व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों और शिक्षाविदों का प्रतिनिधिमंडल भी आया है। यह यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों ने लगभग ढाई महीने पहले एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए थे।
इस समझौते से दोनों देशों के बीच बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्कों में कमी लाने और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की उम्मीद है। यह समझौता प्रधानमंत्री मोदी की जुलाई में हुई लंदन यात्रा के दौरान अंतिम रूप से तय हुआ था।
स्टार्मर ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह व्यापार समझौता केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि ‘‘दोतरफा विकास का लॉन्चपैड’’ है। उन्होंने कहा, “भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। ऐसे में भारत के साथ तेज और किफायती व्यापार दोनों देशों के लिए अभूतपूर्व अवसर लेकर आएगा।”
सूत्रों के अनुसार, इस वार्ता में भारतीय पक्ष ने ब्रिटेन की धरती पर सक्रिय कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों को लेकर चिंता जताई। इसके साथ ही विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना रही।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्टार्मर की यह यात्रा भारत-यूके संबंधों को एक नई दिशा देने में अहम साबित हो सकती है, विशेष रूप से व्यापार और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्र में।