नई दिल्ली। देश के प्रमुख बैंकों ने Reserve Bank of India (RBI) को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें उन्होंने ₹100 से कम के छोटे डिजिटल लेन-देन पर SMS अलर्ट भेजना बंद करने की मांग की है। बैंक इस प्रस्ताव के लिए RBI की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
बैंक अधिकारियों का कहना है कि UPI और अन्य डिजिटल माध्यमों से छोटे लेन-देन की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस वजह से ग्राहकों को लगातार SMS अलर्ट मिल रहे हैं, जिससे वे ‘Notification Fatigue’ का शिकार हो रहे हैं। लगातार अलर्ट मिलने के कारण ग्राहक बड़े और महत्वपूर्ण लेन-देन के अलर्ट को नजरअंदाज करने लगे हैं, जिससे धोखाधड़ी का खतरा बढ़ता जा रहा है।
प्रस्ताव के अनुसार, ग्राहक को विकल्प दिया जाएगा कि वे ₹100 से कम के लेन-देन के SMS अलर्ट बंद करना चाहें तो इसे बंद कर सकेंगे। इसके बजाय वे ऐप नोटिफिकेशन या ईमेल के माध्यम से अलर्ट प्राप्त करना जारी रख सकते हैं।
वर्तमान में RBI के नियमों के अनुसार सभी डिजिटल लेन-देन पर SMS अलर्ट देना जरूरी होता है। नए प्रस्ताव में बैंकों ने यह भी कहा है कि एक SMS भेजने की लागत लगभग ₹0.20 होती है, जो ग्राहक से वसूली जाती है। इस बदलाव से तकनीक का बेहतर उपयोग होगा और ग्राहकों को वास्तविक सेवा के अनुसार ही शुल्क देना होगा।
जानकारी के मुताबिक, यह प्रस्ताव सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों की आपसी चर्चा के बाद RBI को भेजा गया है। साथ ही बैंकों ने धोखाधड़ी रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की एक सूची भी प्रस्तुत की है।
इस प्रस्ताव के लागू होने से डिजिटल पेमेंट सिस्टम में बदलाव आएगा और छोटे लेन-देन पर पड़ने वाले SMS अलर्ट की संख्या कम हो सकेगी। इससे ग्राहकों को बेहतर सेवा और सुरक्षा मिलेगी।