पटना। बिहार की राजनीति में लालू परिवार के भीतर तनाव अब खुले मंच तक पहुंच गया है। महनार विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा करने पहुंचे तेज प्रताप यादव को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। सभा के दौरान RJD समर्थकों ने तेज प्रताप के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ‘तेजस्वी यादव जिंदाबाद’ और ‘लालटेन छाप जिंदाबाद’ के नारे लगाए। यह घटना तब हुई जब तेज प्रताप जनशक्ति जनता दल (JJD) के उम्मीदवार जय सिंह राठौर के लिए वोट मांगने पहुंचे थे। इस दौरान माहौल अचानक गरमा गया और समर्थकों ने तेज प्रताप के काफिले को कुछ दूर तक खदेड़ दिया।
सभा में बवाल, तेज प्रताप को झेलनी पड़ी फजीहत
तेज प्रताप यादव महनार के हीरानंद उच्च विद्यालय प्रांगण में शाम करीब 5 बजे सभा करने पहुंचे थे। करीब एक घंटे तक उन्होंने राठौर के समर्थन में भाषण दिया। लेकिन इसी दौरान कुछ स्थानीय RJD समर्थकों ने मंच के सामने तेजस्वी यादव के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। माहौल बिगड़ता देख सुरक्षा बलों को हस्तक्षेप करना पड़ा। तेज प्रताप सड़क मार्ग से सभा स्थल पहुंचे थे और महुआ लौटते समय उन्हें विरोध झेलना पड़ा।
JJD उम्मीदवार ने RJD पर लगाया हमला
JJD उम्मीदवार जय सिंह राठौर ने घटना के बाद RJD पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि, “यह सब RJD उम्मीदवार रविंद्र सिंह की साजिश है। उनके गुंडों ने नारेबाजी कर माहौल खराब किया।”राठौर ने दावा किया कि सभा के दौरान कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन वापसी के समय RJD कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोककर विरोध किया। उन्होंने कहा कि RJD फिर से जंगलराज लाना चाहती है, लेकिन जनता अब सब समझ चुकी है।
‘टिकट खरीदने और शराब-पैसे से वोट मांगने’ का आरोप
राठौर ने रविंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 15-16 करोड़ रुपये में पार्टी टिकट खरीदा है और चुनाव प्रचार में करोड़ों खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि RJD पैसे और शराब के जरिए वोट हासिल करना चाहती है। इस संबंध में उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
लालू परिवार में बढ़ता टकराव
लालू यादव के दोनों बेटों — तेजस्वी और तेज प्रताप यादव — के बीच की खींचतान अब सार्वजनिक हो चुकी है। तेज प्रताप के नई पार्टी बनाने के बाद से ही RJD में बिखराव के संकेत दिख रहे हैं। हाल ही में ‘जननायक’ विवाद पर तेज प्रताप ने कहा था कि, “तेजस्वी खुद को जननायक कह रहे हैं, जबकि असली जननायक वे होते हैं जो जनता के बीच रहकर काम करते हैं — जैसे लालू प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर, अंबेडकर और गांधी।”इसके अलावा तेज प्रताप ने यह भी कहा था कि अगर तेजस्वी उनके महुआ क्षेत्र में प्रचार करने आएंगे, तो वे भी राघोपुर जाकर प्रचार करेंगे — जिससे दोनों भाइयों के बीच दूरी और साफ दिखने लगी।
