वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से वंचित रखने के फैसले ने व्हाइट हाउस को भड़का दिया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने नोबेल समिति पर आरोप लगाया है कि उसने “शांति से ज्यादा राजनीति को तरजीह” दी है।

नोबेल समिति ने इस वर्ष का प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को दिया है। समिति ने उनके “वेनेजुएला के नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए अथक संघर्ष” की सराहना की।

लेकिन व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर कई संघर्षों को समाप्त किया और गाज़ा में युद्धविराम समझौते को लागू कराने में “निर्णायक भूमिका” निभाई। इस समझौते की घोषणा नोबेल पुरस्कार के दो दिन पहले ही हुई थी।

व्हाइट हाउस संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,

“नोबेल समिति ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे शांति नहीं, राजनीति के पुरस्कार बांटते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध रोकते रहेंगे और दुनिया को सुरक्षित बनाएंगे।”

ट्रंप ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भी नोबेल पुरस्कार का मुद्दा उठाया था और कहा था कि उनकी सरकार ने “इतिहास में सबसे अधिक शांति समझौते” कराए हैं।

हालांकि, आलोचकों का कहना है कि नोबेल समिति ने ट्रंप को नहीं बल्कि उन लोगों को सम्मानित किया है जो अपने देशों में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए वास्तविक संघर्ष कर र