मुंबई। साउथ अफ्रीका ने पहले टेस्ट में भारत को 30 रन से हराकर WTC पॉइंट्स टेबल में बड़ा बदलाव कर दिया। इस हार से टीम इंडिया चौथे नंबर पर फिसल गई है। बल्लेबाजी क्रम में किए गए प्रयोग और कमजोर प्रदर्शन से मैच हाथ से निकल गया। अब गुवाहाटी में दूसरा टेस्ट भारत के लिए करो या मरो जैसा बन गया है।  कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने भारत को 30 रन से हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) पॉइंट्स टेबल में बड़ा उलटफेर कर दिया। इस हार के साथ भारत न सिर्फ सीरीज में 0-1 से पीछे गया, बल्कि पॉइंट्स टेबल पर भी चौथे स्थान पर फिसल गया है। वहीं साउथ अफ्रीका पांचवें से दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। इस मैच में टीम इंडिया की बल्लेबाजी और तीसरे नंबर पर किए गए प्रयोग ने भी कई सवाल खड़े कर दिए।

बदल गया WTC पॉइंट्स टेबल का गणित

पहले टेस्ट में मिली हार ने भारत की WTC स्थिति को काफी नुकसान पहुंचाया। मैच से पहले भारत पॉइंट्स टेबल में तीसरे नंबर पर था, लेकिन कोलकाता टेस्ट हारने के बाद उसका प्रतिशत घटकर 54।17% रह गया और टीम चौथे स्थान पर खिसक गई। दूसरी ओर, साउथ अफ्रीका ने शानदार वापसी करते हुए पॉइंट्स प्रतिशत बढ़ाकर 66।67% कर लिया और सीधा पांचवे से दूसरे स्थान पर पहुंच गया। इस जीत ने प्रोटियाज टीम को फायदे की स्थिति में ला दिया है क्योंकि यह सीरीज सिर्फ दो टेस्ट की है और हर पॉइंट काफी मायने रखता है।

पहले टेस्ट की हार के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिच मुश्किल थी, लेकिन कुछ फैसले भी टीम के खिलाफ गए। सबसे बड़ा सवाल तीसरे नंबर पर किए गए प्रयोग को लेकर उठा। ईडन गार्डन्स टेस्ट में साई सुदर्शन को बाहर बैठाकर वाशिंगटन सुंदर को तीसरे नंबर पर भेजा गया। सुंदर पहली पारी में 29 और दूसरी पारी में 31 रन बनाकर कुछ हद तक संघर्ष तो करते दिखे, लेकिन यह रोल किसी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज का होता है। सबसे बड़ा सवाल यह कि अगर सुंदर से सिर्फ 1 ओवर गेंदबाजी कराई जानी थी, तो फिर उन्हें स्पेशलिस्ट बैट्समैन बनाकर इतने महत्वपूर्ण स्थान पर क्यों उतारा गया? यह फैसला मैच के नतीजे पर भारी पड़ा क्योंकि 124 रन के छोटे लक्ष्य का पीछा करते समय टीम को मजबूत बल्लेबाजी की जरूरत थी।

15 साल बाद घर में साउथ अफ्रीका से टेस्ट हार

भारत ने घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी बार 2010 में टेस्ट मैच हारा था। 15 साल बाद यह शर्मनाक हार दोबारा देखने को मिली। 124 रन का आसान लक्ष्य भी भारतीय बल्लेबाज चेज नहीं कर पाए और टीम टी ब्रेक से पहले ही 93 रन पर ढेर हो गई। कप्तान शुभमन गिल गर्दन में खिचाव के कारण बल्लेबाजी करने नहीं उतरे, जिससे टीम की स्थिति और कमजोर हो गई। यह हार बताती है कि बल्लेबाजी क्रम में अस्थिरता और पिच की गलत समझ ने टीम का खेल बिगाड़ दिया।

दूसरा टेस्ट तय करेगा भारत की रैंकिंग

अब दोनों टीमों के बीच सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट 22 नवंबर से गुवाहाटी में खेला जाएगा। यह मैच WTC के लिहाज से भारत के लिए बेहद अहम होगा। सीरीज के संभावित नतीजों के आधार पर भारत के पॉइंट्स इस प्रकार बदलेंगे।

अगर सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही, तो भारत का प्रतिशत 59।26% हो जाएगा और टीम वापस तीसरे नंबर पर आ जाएगी।

अगर भारत 0-1 से हारा, तो टीम 51।85% के साथ चौथे नंबर पर ही रहेगी।

अगर भारत 0-2 से हार गया, तो भारत 48।15% के साथ पांचवें नंबर पर चला जाएगा।

यानी, गुवाहाटी टेस्ट सिर्फ सीरीज नहीं, बल्कि WTC की रैंकिंग के लिए भी निर्णायक है।
साउथ अफ्रीका के पास बड़ा मौका

साउथ अफ्रीका की पहले टेस्ट में जीत ने उसे WTC में मजबूत स्थिति में ला दिया है। टीम के पॉइंट्स इस सीरीज के बाद कुछ ऐसे हो सकते हैं।

अगर साउथ अफ्रीका 2-0 से जीता, तो उसका प्रतिशत 75% होगा और वह दूसरे नंबर पर बना रहेगा।

अगर SA 1-0 से जीता, तो उसका प्रतिशत 58।33% होगा और वह तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा।

अगर सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही, तो SA 50% पर रहेगा और पांचवें नंबर पर ही रहेगा।

अगले टेस्ट से दोनों टीमों के WTC अभियान की दिशा तय होगी। भारत जहां वापसी की उम्मीद में है, वहीं साउथ अफ्रीका टॉप-2 में जगह मजबूत करने का मौका ढूंढ रहा है।