भोपाल।अमेरिका द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैक्स लगाने के बाद जब देश की एक्सपोर्ट इनकम में गिरावट की आशंका जताई जा रही थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने अर्थव्यवस्था को संबल देने के लिए बड़ा दांव खेला। सरकार ने फेस्टिव सीजन शुरू होने से ठीक पहले जीएसटी में बड़ा सुधार (GST Reform) लागू कर दिया। इस कदम का असर सीधे बाजारों पर दिखा — घरेलू और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं से लेकर परिधान व जूलरी तक, हर सेक्टर में बिक्री ने नए रिकॉर्ड बनाए।

फेस्टिव सीजन में 6 लाख करोड़ से अधिक की खरीदारी

रिटेल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बिजोम के ब्लूमबर्ग को दिए आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर से 21 अक्टूबर के बीच नवरात्रि से दिवाली की अवधि में पिछले साल की तुलना में 8.5% अधिक खर्च हुआ। CAIT (अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने बताया कि इस अवधि में देशभर में 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हुई।
इस दौरान आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, साज-सज्जा और मिठाइयों की मांग सबसे ज्यादा रही। अप्रैल में अमेरिकी टैक्स टैरिफ से धीमी हुई बिक्री को इस बार लोकल कंजंप्शन और टैक्स कटौती ने संभाल लिया।

कारों की बिक्री में भी रिकॉर्ड उछाल

भारत की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियाँ — मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा — ने इस सीजन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की। ह्यूंदै मोटर इंडिया ने धनतेरस पर बिक्री में 20% का उछाल देखा, जबकि टाटा मोटर्स ने नवरात्रि से धनतेरस के बीच 1 लाख से अधिक कारों की डिलीवरी की।
महिंद्रा की ट्रैक्टर सेल्स में 27% वृद्धि दर्ज की गई। बेहतर मानसून और जीएसटी टैक्स कटौती ने ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों को मजबूत किया।

भोपाल में CAIT की रिपोर्ट जारी

भोपाल में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में CAIT महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि नवरात्रि से दिवाली तक 6.5 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। वहीं, आगामी 1 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच विवाह सीजन में 6 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान है।
खंडेलवाल ने कहा, “जीएसटी स्लैब में कटौती ने देशभर में कारोबार को नई रफ्तार दी है। अकेले छठ महापर्व के दौरान ही 50 हजार करोड़ रुपए का व्यापार हुआ।”

शादियों से मिलेगा नया आर्थिक बूस्ट

CAIT की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष 1 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच देशभर में लगभग 1.85 लाख शादियाँ होंगी, जो पिछले साल से 30 हजार ज्यादा हैं। इससे 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार की उम्मीद है।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर सहित 12 शहरों में कराए गए सर्वे के अनुसार, शादी से जुड़ी 70% खरीदी लोकल प्रोडक्ट्स से की जा रही है — जिससे कारीगरों, हैंडीक्राफ्ट, वस्त्र और जूलरी उद्योग को बड़ा लाभ मिल रहा है।

उद्योग जगत में सावधानी और उम्मीद दोनों

नोमुरा और बोफा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, यह उछाल ‘दबी हुई मांग’ (Pent-up Demand) का परिणाम भी हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर–जनवरी के आंकड़े आने के बाद ही वास्तविक स्थिरता का आकलन किया जा सकेगा।
वहीं, क्रॉम्पटन ग्रीव्स के सीएफओ कालीश्वरन ए. का कहना है कि किचन कैटेगरी और घरेलू उत्पादों में तेजी आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। कंपनी पंखे, लैंप और इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग से आशावान है।