बेंगलुरु। ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने प्रमुख रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के विकास का 50 प्रतिशत हिस्सा भारतीय उद्योग संघ को सौंपने की योजना बना रही है। उन्होंने बताया कि HAL और L&T के नेतृत्व में उद्योग संघ ने पहला PSLV तैयार कर लिया है, जिसे फरवरी 2026 तक लॉन्च किया जाएगा। इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो 2025 में नारायणन ने बताया कि भारतीय उद्योग पहले ही ISRO मिशनों के 80–85% सिस्टम्स का योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि CMS-03 और LMV3-M5 जैसे मिशनों में उद्योग की भागीदारी बेहद अहम रही।ISRO प्रमुख ने बताया कि अब तक 450 से अधिक उद्योग और 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़े हैं। एजेंसी ने HAL को 511 करोड़ रुपये में SSLV तकनीक हस्तांतरित की है और 16 नए SSLV का उत्पादन निजी क्षेत्र को सौंपने की योजना है। नारायणन ने कहा कि भारत अब तीन स्वदेशी क्रायोजेनिक प्रणोदन प्रणालियां विकसित कर चुका है और जल्द ही 29 जनवरी, 2026 को ISRO अपना 100वां रॉकेट लॉन्च करेगा। उन्होंने इसे “भारत के अंतरिक्ष इतिहास का स्वर्णिम अध्याय” करार दिया।