मियामी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का श्रेय खुद को देते हुए विवाद खड़ा कर दिया है। मियामी में आयोजित अमेरिका बिजनेस फोरम में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि मई में जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, तो उन्होंने अपने “ट्रेड डील्स रद्द करने की धमकी” देकर युद्ध को रोका।
इस बार उन्होंने अपने पुराने बयान में नया मोड़ देते हुए कहा — “उस लड़ाई में 7 नहीं, बल्कि 8 लड़ाकू विमान गिराए गए थे।”
🎙️ “मैंने कहा, जब तक शांति नहीं, कोई ट्रेड डील नहीं”
ट्रंप ने अपने भाषण में कहा,
“मैं भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ ट्रेड डील पर बात कर रहा था। अचानक अखबार में पढ़ा कि दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। मैंने सुना कि 7 प्लेन गिराए गए — फिर पता चला कि आठवां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। मतलब 8 प्लेन गिरे।”
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने तत्काल दोनों देशों से कहा —
“ट्रेड डील भूल जाओ, जब तक शांति नहीं होती।”
ट्रंप के मुताबिक, अगले ही दिन दोनों देशों से उन्हें फोन आया — “हम शांति कर चुके हैं।”
उन्होंने मंच से हंसते हुए कहा, “थैंक यू, अब ट्रेड करते हैं। बिना टैरिफ के ये कभी न होता।”
भीड़ ने तालियां बजाईं, और ट्रंप ने इसे अपनी ‘Peace Through Strength’ (शक्ति से शांति) नीति की जीत बताया।
💼 “8 महीनों में 8 युद्ध रोके”
ट्रंप ने दावा किया कि अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 8 महीनों में उन्होंने 8 बड़े युद्धों को रोकने में भूमिका निभाई। इसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान, कोसोवो-सेरबिया, और कांगो-रवांडा जैसे देशों का नाम लिया।
हालांकि, उनके इस बयान को कई विश्लेषक “राजनीतिक नाटक” करार दे रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब ट्रंप आगामी चुनावों में अपनी विदेशी नीति को अपनी ताकत के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
🇮🇳 भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा
भारत सरकार ने एक बार फिर ट्रंप के इस बयान को पूरी तरह खारिज किया है। नई दिल्ली ने स्पष्ट कहा कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की पहल पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व ने खुद की थी, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता से।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, “भारत अपने सभी पड़ोसी विवादों को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाने में विश्वास रखता है। वाशिंगटन या किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही।”
रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप मई के बाद से अब तक करीब 60 बार यह दावा दोहरा चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका था — जबकि भारत हर बार इसे गलत बताता रहा है।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के ताजा दावे ने एक बार फिर भारत-अमेरिका संबंधों में असहजता बढ़ा दी है। जहाँ भारत इस कहानी को “कल्पना” मानता है, वहीं ट्रंप इसे अपनी “कूटनीतिक जीत” बताते नहीं थकते।
चुनावी मौसम में ट्रंप की यह बयानबाजी उनके समर्थकों को जोश दिला रही है — लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे “राजनीतिक शो” से ज्यादा कुछ नहीं माना जा रहा।
