नई दिल्ली। आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में बैठकर लगातार जिहादी साजिशों में लगा है। वह जिहाद के नाम पर महिला आतंकियों की फौज खड़ी कर रहा है। लगातार महिला आतंकियों की संख्या में इजाफा कर रहा है। इस बीच जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग ‘जमात-उल-मुमीनात’ पर अब बड़ा खुलासा है। आतंकी मसूद अजहर ने खुद एक पोस्ट कर अपना नापाक प्लान लीक किया है। जी हां, सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नापाक प्लान बता दिया है। जैश की वुमन विंग यानी जमात-उल-मुमीनात में अब तक पांच हजार जिहादी महिलाओं की भर्ती की गई है। इन महिला आतंकियों का ब्रेन वॉश कर इन्हें फिदायीन ट्रेनिंग दी जा रही है। आतंकी मसूद अजहर ने पोस्ट में लिखा कि जैसे-जैसे जैश की इस महिला विंग में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ रही है, अब जरूरत है जिलावार जमात-उल-मुमीनात तंजीम तैयार की जाए। यानी पीओके (POK) के हर जिले में जमात-उल-मुमीनात का ऑफिस होगा, जहां भर्ती से लेकर आतंकी ट्रेनिंग पूरी होगी। आतंकी मसूद ने पोस्ट में ये भी लिखा है कि जमात उल मुमीनात में शामिल कुछ महिलाओं ने चिट्ठी लिखकर बताया कि जमात में शामिल होते ही उन्हें अपनी ज़िंदगी का मकसद मिल गया है।

सोशल मीडिया पोस्ट में क्या?

आतंकी मसूद अजहर ने अपनी पोस्ट में अमेरिका की नेब्रास्का यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए लिखा है कि अमेरिका की नेब्रास्का यूनिवर्सिटी ने पाकिस्तान में जिहादी माहौल पैदा किया। हालांकि यह ऐसा झूठ है जो शायद शैतान को भी न सूझे, लेकिन हमारे कई कॉलमिस्ट, कुछ मंत्री और कुछ बुद्धिजीवी इसे सच मान बैठे हैं। अजीब बात है कि एक यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम ने लाखों मुजाहिद खड़े कर दिए…और एक सुपर पावर को हरा दिया?

आतंकी मसूद अजहर का क्या मकसद
उसने अपनी पोस्ट में आगे लिखा है, ‘अल्लाह तआला हर मुसलमान को अपनी ज़िंदगी का मकसद समझने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आज कुछ बातें संक्षेप में पेश कर रहा हूं… अगर मौका मिला तो आने वाले दिनों में इनकी तफसील भी लिखूंगा, इंशाअल्लाह।’ दरअसल, अपने पोस्ट के जरिए आतंकी मसूद अजहर महिला आतंकियों की फौज का गुनगान कर रहा है। वह क्लास में महिला आतंकियों को सुसाइड बॉम्बर बनने की ट्रेनिंग दे रहा है।

क्या है जैश का महिला विंग
अब सवाल है कि आखिर जैश की यह महिला विंग क्या है। दरअसल, आतंकी संगठन जैश की महिला विंग का नाम है जमात-उल-मोमीनात। इस विंग में आंतकवादी पतियों की विधवाओं और आर्थिक रूप से कमजोर महिला को बहला-फुसला कर शामिल किया जा रहा है। उन्हें जिहाद के लिए बरगलाया जा रहा है। उन्हें बहला-फुसला कर जिंदगी का वह मकसद बताया जा रहा है, जो कहीं से उनकी जिंदगी के लिए सही नहीं है। बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान बेस्ड इस आतंकी संगठन में महिलाओं को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए ट्रेन किया जा रहा था। उन्हें डिजिटल क्लासेस में हिंदू महिलाओं के खिलाफ हेट स्पीच दी जा रही थी और यही नहीं पुरुष आंतकवादियों की तरह महिलाओं को भी फिदायीन बनने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जा रही थी।

किसके हाथ में कमान
खबरों की मानें तो आतंकी मसूद अजहर ने अपनी बहन सादिया अजहर को जैश की महिला विंग का प्रमुख बनाया है। दूसरी बहन समायरा अजहर (उर्फ उम्मे मसूद) और पुलवामा हमलावर उमर फारूक की पत्नी अफीरा फारूक ऑनलाइन भर्ती और प्रचार का काम संभाल रही हैं। यह नेटवर्क सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जा रहा है। उसके इस वीडियो के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। महिलाओं को शामिल कर जैश खुफिया जानकारी जुटाने, फंडिंग और हमलों में नई रणनीति अपना रहा है।