नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के चार साल बाद भारत दौरे को लेकर दिल्ली पूरी तरह सतर्क हो गई है। 4-5 दिसंबर को होने वाले इस दो दिवसीय दौरे के लिए राजधानी को किले में बदल दिया गया है। लगभग 130 सदस्यीय रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ पुतिन के आने से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, पैरामिलिट्री फोर्सेस और रूसी स्पेशल फोर्सेस मिलकर मल्टी-लेयर सिक्योरिटी रिंग तैयार कर चुकी हैं। हाल ही में दिल्ली में हुए ब्लास्ट की घटना के बाद सुरक्षा पहले से ही हाई अलर्ट पर थी, अब पुतिन के दौरे के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरती जा रही हैं।

पुतिन का दौरा: क्या है प्लान?

पुतिन का यह दौरा भारत-रूस के 23वें वार्षिक समिट के लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर वे 4 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेंगे। पहले दिन शाम को पीएम मोदी के साथ प्राइवेट डिनर होगा, उसके बाद द्विपक्षीय बातचीत। 5 दिसंबर को बिजनेस मीटिंग्स और स्टेट बैनक्वेट (राजकीय भोज) का कार्यक्रम है।

एजेंडा में रक्षा, ऊर्जा, स्पेस और ट्रेड पर फोकस होगा। रूस S-400 मिसाइल सिस्टम की नई डील, Su-57 फाइटर जेट्स और तेल निर्यात बढ़ाने की बात करेगा। यह दौरा यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा है, जो दोनों देशों की दोस्ती को मजबूत करेगा।

सुरक्षा का मल्टी-लेयर जाल: कोई चूक नहीं होगी

दिल्ली को हाई सिक्योरिटी जोन बना दिया गया है। रूसी एडवांस सिक्योरिटी टीम के 50 से ज्यादा सदस्य पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने रूट्स, वेन्यूज और पूरी सिक्योरिटी प्लानिंग चेक की है। रूसी स्पेशल फोर्सेस आंतरिक सर्कल में रहेंगी, जबकि भारतीय फोर्सेस के साथ तालमेल बिठाएंगी।

भारतीय एजेंसियां: दिल्ली पुलिस, सेंट्रल सिक्योरिटी, पैरामिलिट्री और एनएसजी कमांडोज मुख्य भूमिका निभाएंगे। एसडब्ल्यूएटी टीम्स, एंटी-टेरर स्क्वॉड्स और क्विक रिएक्शन फोर्सेस को रणनीतिक जगहों पर तैनात किया गया है। ये तुरंत किसी भी खतरे का जवाब देंगी।

रूसी सिक्योरिटी: पुतिन की पर्सनल सिक्योरिटी में 50+ जवान हैं। उनका खाना रूस से ही आएगा। कई चेक के बाद ही परोसा जाएगा। उनके साथ पोर्टेबल सिक्योरिटी किट भी है, जो कार और होटल में रहेगी।

ट्रैफिक और एरिया कंट्रोल: दिल्ली पुलिस के टॉप ऑफिसर्स ट्रैफिक मैनेजमेंट और एरिया सैनिटाइजेशन देखेंगे। पुतिन के कन्वॉय के रास्ते पर ट्रैफिक डायवर्जन होगा लेकिन आम लोगों को कम परेशानी हो, इसके लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी।

सभी जगहों को पहले से साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाया जा रहा है। पुतिन के ठहरने की जगह की डिटेल्स सिक्योरिटी कारणों से गुप्त रखी गई हैं।
टेक्नोलॉजी से निगरानी: ड्रोन, सीसीटीवी और एंटी-ड्रोन गन्स

सुरक्षा सिर्फ इंसानों पर नहीं, टेक्नोलॉजी पर भी निर्भर है। मिनट-टू-मिनट रीयल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।।।

    एंटी-ड्रोन गन्स: हवाई खतरे से बचाव के लिए ड्रोन को मार गिराने वाली गन्स तैनात।
   मूविंग ड्रोन सर्विलांस: हवा में ड्रोन उड़ाकर लगातार नजर रखी जा रही है।
   सीसीटीवी और सिग्नल मॉनिटरिंग: रूसी डेलिगेशन पर एरियल, सिग्नल और ग्राउंड लेवल की निगरानी। फेस रिकग्निशन कैमरे कन्वॉय को ट्रैक करेंगे।

दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में 24×7 मॉनिटरिंग डेस्क बनी है। सभी एजेंसियां रीयल-टाइम कोऑर्डिनेशन करेंगी, ताकि कोई गलती न हो। हाल के दिल्ली ब्लास्ट के बाद ये इंतजाम और सख्त हो गए हैं।

हाल के ब्लास्ट का असर: अतिरिक्त सावधानियां

नवंबर 2025 में दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियों को और अलर्ट कर दिया। उसके बाद से ही हाई अलर्ट था, लेकिन पुतिन के दौरे के लिए दो दिनों के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल लागू किए गए। खुफिया एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे पर नजर रख रही हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, पुतिन की सिक्योरिटी दुनिया की सबसे सख्त है, इसलिए भारत-रूस का संयुक्त प्रयास फूलप्रूफ होगा।

मजबूत दोस्ती का संदेश

यह दौरा भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देगा। रक्षा में Su-57 जेट्स, ऊर्जा में तेल डील और ट्रेड में नई संभावनाएं खुलेंगी। लेकिन सुरक्षा पहले, इसलिए दिल्ली किले जैसी हो गई है। पुतिन के आने पर सबकी नजरें टिकी हैं। क्या होगा बड़ा ऐलान? जल्द पता चलेगा।